Investment Tips in Hindi For Retired PersonsInvestment Tips in Hindi For Retired Persons

-कई बार हम बिना जांचे परखे म्‍यूचुअल फंड में पैसा लगा देते है, जिसके बाद हमें मनचाहा रिटर्न नहीं मिल पाता है. इस वजह से हम म्‍यूचुअल फंड से लाभ नहीं कमा पाते है.  


 अगर आपको शेयर बाजार (stock market) की उठापटक की जानकारी नहीं है, तो म्‍यूचुअल फंड (mutual fund) का रास्‍ता बेहतर है. इन दिनों बाजार में हजारों की संख्‍या में म्‍यूचुअल स्‍कीम मौजूद है. निवेशक उलझन में है कि अपना पैसा कहां लगाऍं. ऐसे जरूरी है कि सही स्‍कीम का चुनाव करना, ताकि पैसा सुरक्षित रहे और रिर्टन भी बेहतर मिल सके. कई बार हम बिना जांचे परखे म्‍यूचुअल फंड में पैसा लगा देते है, जिसके बाद हमें मनचाहा रिटर्न नहीं मिल पाता है. इस वजह से हम म्‍यूचुअल फंड से लाभ नहीं कमा पाते है. इस पोस्‍ट में हम आपको बताने जा रहे है कि कोन सा म्‍यूचुअल फंड चुने, उसका ट्रेक रिकार्ड कैसे चेक करे…

 

कोन सा म्‍यूचुअल फंड चुने-Which mutual fund to choose

 

  • फंड की जानकारी के लिए आजकल ढेरों website है, निवेश से पहले प्रमुख वेबसाइट को जरूर जाकर चेक कर ले, हम कुछ प्रमुख वेबसाइट के लिंक देने जा रहे है.

  • www.mutualfundssahihai.com

  • www.icicibank.com

  • www.sbimf.com

 

  • -फंड में पैसा लगाने से पहले उसके ट्रेक रिकार्ड (track record) की जांच जरूर कर लें. ऐसा फंड चुने, जिसका ट्रैक रिकार्ड लंबा और बेहतर हो. 
  • -ऐसे फंड हाउस पर भरोसा करें, जो निवेश की प्रक्रिया को लेकर जाने जाते है. कई लोग सिर्फ स्‍टार फंड मैनेजरों को देखकर अपना पैसा लगा देते हैं.इससे बचने की जरूरत है.
  • -लॉंग टर्म (long term) में पैसा बनाने के लिए ऐसी स्‍कीम के साथ बने रहने में फायदा है, जो डायवर्सिफाइड इन्‍वेस्‍टमेंट में दिलचस्‍पी रखती है.
  • -मार्केट का सीधा फंडा है कि रिटर्न हमेशा जोखिम (return with risk) के साथ आता है. ऐसे में अगर आप सिस्‍टे‍मेटिक तरीके से लॉंग टर्म के लिए Investment करते हैं, तो यह जोखिम कम हो सकता है. 
  • -बेहतर रिर्टन के लिए large cape, mid cape और small cape के बीच संतुलन वाला म्‍यूचुअल फंड पोर्टफोलियो (mutual fund portfolio) तैयार करना चाहिये.

 

जोखिम नहीं, सुरक्षित रिर्टन-No risk, safe return

 जो लोग शेयरों में सीधे पैसा नहीं लगाना चाहते और बैंक डिपॉजिट से मिलने वाले कम रिटर्न से नाखुश है, वे debt fund में का रूख कर सकते है. लंबी अवधि के लिए इसे सुरक्षित निवेश माना जाता है, जो लोग short term के लिए पैसा लगाना चाहते है, उनके लिए liquid fund का विकल्‍प है. ऐसे फंड बैंक बचत खाते से ज्‍यादा रिटर्न देते है. डेट फंड में निवेश करने वाले बैंक या बॉंड हाउस दोनों के जरिये गवर्नमेंट सिक्‍योरिटिज और कॉरपोरेट बॉण्‍ड खरीद सकते हैं.

 

सिस्‍टेमेटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान ( एसआईपी)-Systematic Investment Plan – SIP

 म्‍यूचुअल फंड में पैसा बनाने के लिए यह जरूरी है कि आप छोटी रकम ही सहीं, लेकिन उसे लंबी अवधि के लिए और Systematic Investment Plan (SIP) के जरिये निवेश करें. हर महिने एक तय तारीख पर थोड़ा थोड़ा निवेश करके आप अच्‍छा खासा पैसा बना सकते हैं. मान लीजिये आप हर माह 4 हजार रूपये निवेश करना चाहते हैं, आप इसे चार हिस्‍सों में अलग अलग तारीखों पर निवेश कर सकते हैं. फंड हाउस में इसके लिए मल्‍टीपल डेटस (multiple dates) उपलब्‍ध होती हैं. जहां शेयरों में निवेश करने के लिए निवेशकों को बाजार के नीचे आने का इंतजार करना पड़ता है, वहीं एसआईपी के द्वारा आप कभी भी म्‍यूचुअल फंड में निवेश करना शुरू कर सकते है. जैसे जेसे बाजार उपर उठता है, फंड की नेट असेट वैल्‍यू (asset value) ज्‍यादा होती जाती है. उस समय आपको निवेश पर कम यूनिटस मिलते है. इस तरह आपका एवरेज रिटर्न (average return) बना रहता है. बाजार में बहुत उतार चढ़ाव हो तो एसआईपी से किया गया निवेश सुरक्षित ओर फायदेमंद माना जाता है. इस तरह अच्‍छे equity fund में sip के जरिये निवेश कर आप best return पा सकते हैं. आप एसआईपी के जरिये महज 100 रूपये महीने से भी निवेश शुरू कर सकते है. अब तो सरकार ने एंट्री लोड (no enrty load) पर पांबदी भी लगा दी है.

 

टैक्‍स राहत-tax relief-

 
म्‍यूचुअल फंड की इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग स्‍कीम में निवेश करने पर न सिर्फ इन्‍कम टैक्‍स की धारा 80 सी के तहत 1 लाख रूपये का टैक्‍स बेनीफ‍िट मिलता है, बल्कि बेहतर रिटर्न भी आता है.इसके मिलने वो डिविडेंड और रिटर्न कर मुक्‍त होता है.
 

म्‍यूचुअल फंड की ए.बी.सी.डी-ABCD of Mutual Fund-

 Open Ended Fund: इस श्रेणी में आने वाली स्‍कीम की तय अवधि नहीं होती है. इस स्‍कीम में निवेशकों को यह सुविधा होती है कि वे किसी भी समय उस स्‍कीम में निवेश कर सकते है.

close ended mutual fund: इसकी अवधि निर्धारित होती है. फंड कितने समय के लिए है, इसका जिक्र उस फंड के इनीशियल ऑफर के समय कर दिया जाता है. हांलाकि फंड हाउस निवेशकों की सहमति और नियमों के आधार पर फंड की अवधि में बदलाव कर सकता है. ये फंड तीन साल के लॉक इन पीरियड में उपलब्‍ध होते है. निवेशक फंड से बाहर आना चाहे तो वह एग्जिट लोड चुकाकर बाहर निकल सकता है.

 

Equity Fund: तेजी के बाजार में इक्विटी फंड में निवेश सबसे ज्‍यादा मुनाफा देता है. अगर आप लंबी अवधि के लिए पैसा निवेश करना चाहते है, तो इक्विटी फंड बेहतर माना जाता है.

 

Income Fund: इक्विटी फंड के विपरीत इसमें जोखिम कम होता है.यहां रिटर्न का प्रतिशत इक्विटी फंड के मुकाबले काफी कम रहता है.

 

Balanced Fund: निवेश में डायवर्सिफ‍िकेशन का ख्‍याल रखा जाता है. इसलिए इसमें बाजार से जुड़ा जोखिम काफी कम हो जाता है.

 

Money Market Fund: इनका ज्‍यादातार निवेश उन फ‍िक्‍सड इनकम इंस्‍ट्रूमेंट होता है, जो एक साल से भी कम समय के लिए जारी किए गए हो. शार्ट टर्म के लिए पैसा लगाने का यह बेहतर माध्‍यम है.

 

Debt Fund: इसमें निवेश करने पर ज्‍याद रिटर्न नहीं मिलता है, लेकिन पैसा काफी हद तक सुरक्षित रहता है.

 

 

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