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 share bazar kya hai: स्‍टॉक मार्केट एक ऐसी जगह है जहां हजारों कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं। किसी भी कंपनी के share खरीदने का मतलब है उस कंपनी का हिस्सेदार बना जाना। आपने जितना शेयर खरीदा है, उतनी उस कंपनी में आपकी हिस्सेदारी होगी। कंपनी के हिस्सेदार मुनाफे और घाटे दोनों के लिए बन जाएंगे। शेयरधारक को कंपनी के प्रदर्शन के हिसाब से मुनाफा या घाटा होगा। अगर कंपनी ने अच्छा प्रदर्शन किया तो आपके शेयर के दाम बढ़ेंगे, आपको डिविडेंड भी मिल सकता है। वहीं अगर कंपनी का प्रदर्शन कमजोर हुआ तो आपके निवेश की वैल्यू कम हो सकती है।

kaise kharide beche jate hai share ?

शेयरों की खरीद-बिक्री पूरी तरह से ऑटोमेटेड तरीके से सॉफ्टवेयर के जरिए होती है। अगर आपको शेयर खरीदना है या बेचना है तो पहले किसी ब्रोकर के पास डीमैट अकांउट (demate account) और ट्रेडिंग अकाउंट (trading account) खुलवाने होंगे। इस अकाउंट के जरिए ब्रोकर आपको शेयर खरीद-बिक्री में मदद करेगा। शेयर खरीदने वाले अपने ब्रोकर्स के जरिए ऑर्डर देते हैं, और फिर पलक झपकते सौदा पूरा हो जाता है। आप ऑनलाइन खुद से भी अपने डीमैट अकाउंट के जरिए शेयर खरीद-बिक्री कर सकते हैं, या फिर अपने ब्रोकर को फोन पर बताकर सौदे डलवा सकते हैं। शेयर बाजार खुले रहने के दौरान ब्रोकर अपने ग्राहकों के द्वारा किए सौदे को टर्मिनल में डाल देते हैं। ब्रोकर्स को इस काम के लिए ब्रोकरेज (brokerage) मिलती है।

share bazar me kaise kaam hota hai

शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए तीन मुख्य कड़ी होती हैं। ट्रेडर या निवेशक, स्टॉक एक्सचेंज और ब्रोकर। ब्रोकर्स निवेशकों के बदले स्टॉक एक्सचेंज पर जाकर शेयर खरीदते और बेचते हैं। निवेशक सीधे स्टॉक एक्सचेंज पर जाकर शेयरों की खरीद-बिक्री नहीं कर सकते हैं। निवेशकों को शेयर खरीदने और बेचने के लिए ब्रोकर के प्लेटफॉर्म के जरिए ही जाना पड़ता है। 

share bazar me nivesh q kare ?

रिटर्न के मामले में शेयर बाजार बाकी एसेट क्लास से काफी आगे है। लंबी अवधि के अगर रिटर्न देखें तो शेयर बाजार ने अन्य विकल्पों के मुकाबले कई गुना ज्यादा रिटर्न (more return) दिया है। हालांकि इसमे जोखिम (risk) भी रहता है। लेकिन अच्छी रिसर्च और समझदारी के साथ लंबी अवधि के लिए पैसा लगाया जाए तो जोरदार कमाई कर सकते हैं।

 share se kaise hoti hai kamai?

डिविडेंड- dividends 

कंपनी अपने शेयरधारकों को मुनाफे का एक हिस्सा डिविडेंड के तौर पर बांटती है। डिविडेंड पैसे या शेयर को तौर पर मिल सकते हैं। हर शेयरधारक को डिविडेंड दिए जाते हैं।

 share ke rate badhne par nivesh ki value badhti hai

शेयर के दाम बढ़ने के साथ शेयरधारकों के निवेश की वैल्यू भी बढ़ती जाती है। 100 रुपए के शेयर का भाव अगर 2 साल बाद 200 रुपए हो जाती है तो निवेशकों का पैसा भी दोगुना हो जाएगा। आपने जितना उस शेयर में निवेश कर रखा है, उसी अनुपात में आपकी कमाई होगी। अगर शेयर में तेजी नहीं आई तो फिर आपके निवेश की वैल्यू भी कम हो जाएगी।

  share me invest ke liye demate account jaruri hai?

शेयरों की खरीद के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी होता है। ब्रोकिंग कंपनियों के पास जाकर कोई भी ग्राहक डीमैट अकाउंट खुलवा सकता है। डीमैट अकाउंट के लिए बैंक खाता होना जरूरी है। डीमैट खाता खुल जाने पर निवेशकों के डीमैट खाते ब्रोकर्स के खाते से जुड़ जाते हैं, इससे कोई भी शेयर खरीदने पर आपके डीमैट खाते में ट्रांसफर हो जाएगा। साथ ही ग्राहक अपना बैंक खाता भी डीमैट अकाउंट से जोड़कर शेयरों के लेन-देने के पैसे सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। सभी बड़े बैंक या उनकी सब्सिडियरी स्टॉक एक्सचेंज के लिए ब्रोकर्स का काम करती हैं। इनके अलावा भी कई सारी ब्रोकिंग फर्म स्टॉक एक्सचेंज के लिए काम करती हैं। आप अपनी सहूलियत और लागत को देखते हुए किसी एक ब्रोकरेज हाउस का चुनाव डीमैट खोलने के लिए कर सकते हैं।

trading account q jaruri hai? 

 शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए निवेशकों के लिए डीमैट अकाउंट के साथ ट्रेडिंग अकाउंट और उससे जुड़ा हुआ बैंक अकाउंट भी जरूरी होता है। ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये ही शेयरों की खरीद- ब्रिकी की जाती है। इसे बैंक और डीमैट अकांउट से लिंक किया जा सकता है। कई बैंकों के पास आप एक साथ तीनों खाता डीमैट, ट्रेडिंग और बैंक खाता खुलवा सकते हैं। ट्रेडिंग के दौरान पैसे की निकासी और जमा बैंक खाते के जरिए होती है। बेचते वक्त शेयर डीमैट से ट्रेडिंग अकाउंट में ट्रांसफर होते है। साथ ही म्युचुअल फंड में निवेश के लिए ट्रेडिंग अकाउंट होना जरुरी होता है। ईटीएफ के लिए ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है। share, futur and opotions, commodity और currency में एक ही अकाउंट से ट्रेडिंग मुमकिन है। जब भी आप शेयर खरीदते हैं तो शेयर आपके डीमैट खाते में ट्रांसफर (transfer in demate account) हो जाता है। जब कोई कंपनी डिविडेंड की घोषणा करती है और आपके पास उस कंपनी का शेयर है तो डिविडेंड सीधे आपके बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाता है। जब भी आप शेयर बेचते हैं तो शेयर डीमैट खाते से वापस ट्रांसफर हो जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट खोलने से पहले उसके चार्जेज के बारे में पता कर लें। सारे डॉक्युमेंट को पढ़ लें, साथ ही ब्रोकर से मिलने वाली सर्विसेज के बारे में भी जानकारी लें। मार्जिन मनी (marjin money) को लेकर भी साफ तौर से बात करें।

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