share bazar में काम करते समय एक बात का हमेशा ध्यान रखें, कभी मार्केट के trend के opposite नही चले, trend जिस और है, उस तरह से काम करे. इससे आपको profit gain होने के अवसर अधिक बनेंगे, वही loss का risk भी कम होगा. शेयर बाजार के अतीत, वर्तमान और भविष्य से संबंधित सभी जानकारियां आपको chart में मिल जायेगी. बाजार में तीन गतिविधियों को प्रमुख माना जाता है. Up Trend, Down Trend और sideways Trend. अगर आप ट्रेंड को देखना समझ जाते है, तो आप यह पहले से जान जाते है कि Market Up होगा या Down.
Up Trend-
अप ट्रेंड में अधिकतम उच्च (H.H) और अधिकतम निम्नतम (H.L) की श्रंखला होती है. जैसा नीचे ईमेज में दिखाया गया है. जब तक लगातार H.L. से H.H. की ओर चलता है. इस ट्रेंड को Up Trend कह सकते है.
Down Trend–
Down Trend में न्यूनतम उच्च (L.H.) और न्यूनतम निम्न (L.L.) की श्रंखला होती है. जैसा नीचे इमेज में दिखाया गया है. हम भाव को Down Trend कह सकते है, जब तक वह लगातार L.H. से L.L. तक गति करता रहे.
साइडवेज ट्रेंड-
जब भाव एक जैसे निम्न और उच्च पर गति करें तो इसे साइडवेज ट्रेंड के तौर पर जाना जाता है.
ट्रेंड में बदलाव को कैसे पहचाने–
शेयर बाजार में अधिक पैसा कमाने के लिए आपको अप ट्रेंड की शुरूआत के समय में प्रवेश करना चाहिये और डाउन ट्रेंड शुरू होते ही निकल जाना चाहिये.हालांकि अप ट्रेंड की शुरूआत और डाउन ट्रेंड की शुरूआत को पहचानना हमेशा से चुनौतिपूर्ण कार्य रहा है. डाऊ सिद्धांत से हमें बाजार के इस मोड़ को पहचानने में मदद मिलती है.
डाउन ट्रेंड का समापन–
जैसा कि नीचे इमेज में दिखाया गया है कि पहले भाव न्यूनतम निम्न (एल.एल) और न्यूनतम उच्च (एल.एच) पर रूके और उनकी जगह अधिकतम निम्न (एच.एल) का निर्माण किया. अगले उच्च पर टूटना डाउन ट्रेंड की समाप्ति और नए ट्रेंड की शुरूआत का सूचक है.