kya hai gold fof: गोल्ड फंड ऑफ फंडस आम म्यूचुअल फंड योजनाओं से थोड़ा अलग होता है. इन फंडों के फंड का शेयरों, ऋण साधनों और सोने में सीधा कोई निवेश नहीं होता है.इनके पोर्टफोलियो में ऐसे फंड होते है, जिनके पास इस तरह के निवेश साधन होते हैं. गोल्ड फंड ऑफ फंडस को भी ऐसे ही फंडों में निवेश करना है, जो सोने में निवेश करते है. यह आपको आम विकल्पों से अलग सोने में निवेश का अवसर देते हैं. निवेश के पुराने अभी तक सोने में निवेश की चाहत रखने वाले लोगों के पास सिर्फ गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) का विकल्प होता था. मौजूदा फंडों के फंड का विकल्प फिलहाल ऋण साधनों और शेयरों तक ही सीमित होता है.गोल्ड फंड ऑफ फंडस (एफओएफ) एक नई तरह की परिसंपत्ति होता है, जिसमें अन्य फंड भी शामिल होंगे.गोल्ड फंड ऑफ फंड में निवेश करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. सबसे पहला, सोने की कीमतों में उतार चढ़ाव का फायदा उठाने के लिए आपके पास पहले से ही ई.टी.एफ. का विकल्प मोैजूद होता है.ऐसे में अगर नए गोल्ड एफ.ओ.एफ. में ही ये सब बाते शामिल है, तो फिर इसमें निवेश क्यों करे? बाजार नियामक के पास गोल्ड एफ.ओ.एफ. के लिए जो पेशकश दस्तावेज दाखिल किए जाते है, उनसे साफ होता है, कि ये फंड ऋण या मुद्रा बाजार के साधनों में थोड़ा बहुत निवेश करने जा रहे हैं. इसका मतलब यह है कि ई.टी.एफ. की तुलना में इनमें लाभ की दर थोड़ी ज्यादा होगी. हालांकि इसकी कोई गारंटी नहीं दी जा सकती है. कुल मिलाकर लाभ फंड मैनेजर की कुशलता पर ही काफी हद तक निर्भर करता है. एफ.ओ.एफ. के मामले में इस बात का ख्याल किया जाना चाहिये किए इसमें पैसा लगाने के लिए निवेशकों को जो अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा, वह निवेश के हिसाब से होना चाहिये. अगल ऐसा न होतो फिर ई.टी.एफ. में निवेश करना ज्यादा बेहतर है.