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 loan lena sahi nahi hai : जितना हो सके कर्जा लेने से बचें, कर्ज लेने में कभी जल्‍दबाजी न करें, अपनी इनकम को बढ़ाकर कर्जा चुका लो या अपने खर्चे घटाकर कर्जा चुका दो…


कर्ज मुक्ति के तीन उपाय है-loan kaise chukaye

 

  1. कभी कर्जा लेने में जल्‍दी न करें, जितना हो सके कर्जा लेने से बचे.
  2. अपनी इनकम को बढ़ा के कर्ज चुका दो.
  3. अपने खर्चे घटाकर कर्जा चुका दो.

 

अपने खर्चों को कैसे घटा सकते है या अपनी इनकम को कैसे बढ़ा सकते हैं, या कैसे कर्जा लेने से बचा जा सकता है, इसके नि‍म्‍नलिखित उपाय है-

 

-credit card का उपयोग करना आपके लिए बड़ा लॉस का कारण बन सकता है. जिसका interest लगभग 30 प्रतिशत या उससे भी ज्‍यादा हो सकता है. जो कि आम लोन की ब्‍याज दर से लगभग 4 गुने से भी ज्‍यादा हो सकता है. ज्‍यादातर लोग क्रेडिट कार्ड इस लालच में ले लेते है कि बैंक का पैसा बिना ब्‍याज पर use करने को मिल रहा है, और कुछ E -commerce websites पर 10 प्रतिशत, 15 प्रतिशत, 25 प्रतिशत डिस्‍काउंट, स्‍कीम ऑफर के चक्‍कर में ले लेते है. कुछ लोग देश विदेश यात्रा करने या कुछ ऐसी जगह है जहां क्रेडिट कार्ड से payment accept किया जाता है. इन कारणों से आप loan ले रहे हैं, तो ऐसा बिल्‍कुल भी न करे. आपको ध्‍यान रखना चाहिये कि क्रेडिट कार्ड का मतलब उधारी का पैसा जिसका repayment करते समय थोड़ी बहुत लापरवाही या भूल होने पर आपका cibil score खराब होता है, साथ ही आपको interest penalty के रूप में बड़ा amount भी pay करना पड़ सकता है.

 

अपने सभी कर्जों को चुकाने के लिए जितने भी तरह के लोन या उधारी आपने बैंक या साहूकार से ले रखा है, सभी कर्जें इंटरेस्‍ट रेट के हिसाब से लिख लीजिये. जैसे कि 

  1. personal loan
  2. education loan
  3.  home loan
  4. gold loan
  5. car loan
  6. unsecured loan

लोग गलती क्‍या करते है, सब लोन में बराबर ईएमआई देते रहते है, लोन सालों तक चलता रहता है, फ‍िर कहते है कर्जा पटने का नाम ही नहीं ले रहा है. सारा पेसा कर्जा पटाने में ही चला जाता है. घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है. अक्‍सर लोग क्‍या करते है सपोज करिये आपके तीन लोन चल रहे है.

personal loan

car loan

home loan
 

मानकर चलिये home loan की emi 15 हजार रूपये महिना, कार लोन की emi 10000 रूपये महिना और पर्सनल लोन की emi 10000 रूपये महिना, होमलोन की interest rate 7 से 10 प्रतिशत, जबकि कार लोन का interest rate 10 से 12 प्रतिशत, पर्सनल लोन का interest rate 12 से 15 प्रतिशत तक आता है. आपको यह करना चाहिये कि जिस loan का interest rate सबसे कम आता है, उसकी emi का amount सबसे ज्‍यादा- 2 करके pay करना शुरू कर दो, जब तक high interest rate वाला लोन खत्‍म नहीं हो जाता, तब तक सबसे कम interest rate वाले  लोन को सबसे कम amount पर emi pay करते रहे, अगर केवल इटरेस्‍ट देकर काम चलता है, तो चला लीजिये, पर सबसे हाई इंटरेस्‍ट रेट वाला लोन को ज्‍यादा से ज्‍यादा amount की ईएमआई पै करके चुकता कर दीजिये, इस तरह हमला बोल दीजिये कि जिस तरह दुश्‍मन पर हमला करते हैं, तब तक चैन न लेना जब हाई इंटरेस्‍ट वाला लोन आप जड़ से खत्‍म नहीं कर देते. सिंपल तरीका है कि सबसे घातक बीमारी का और सबसे बड़े घातक दुश्‍मन का उपचार सबसे पहले करे.

 

-जरा ध्‍यान दीजिये, जरा सोचिये, आपके घर में बहुत सारे यूजलैस आईटम पड़े होते है, जैसे कि काफी सारा बिना उपयोगी फर्नीचर, पुराने मोबाइल, कंप्‍यूटर, लैपटॉप, कैमरा, टीवी, फ्रिज, कुलर, माइक्रोवेव, साइकिल, आपके यूजलैस कपड़े भी हो सकते है. आप सोच रहे है होंगे कि इनका क्‍या करना है, आपको इस गैर जरूरी सामानों को बेच देना है. इन गैर जरूरी और पुराने सामानों को बेचकर आप कम से कम 5 या 6 ईएमआई की व्‍यवस्‍था आसानी से कर सकते है. 

-अगर आप अपने व्‍यर्थ के खर्चों अर्थात गैर जरूरी खर्चों जैसे बेकार में घूमना, रेस्‍टोरेंट में खाना और लग्‍जरी दिखावे को कंट्रोल कर या पूरी तरह से बंद करके 5 या 6 ईएमआई का जुगाड़ आसानी से कर सकते है.

– कुछ घरों में हसबैंड और वाइफ दोनों ही काम करते है, उनके अगर बच्‍चे बड़े हो गए है, और वह भी पैसा कमाते है, तो घर की कुल इनकम का लगभग 50 प्रतिशत से घर का खर्चा और सेविंग होना चाहिये. जबकि कुल income का 50 प्रतिशत लोन ईएमआइ्र को खत्‍म करने में किया जाना चाहिये. जिन घरों में केवल हसबैंड काम करते है, और वाइफ सिर्फ घर संभाल रही है, या घर में सिर्फ एक ही व्‍यक्ति पैसा कमाता है तो कोई बात नहीं आप अपने लिये part time में बहुत सारे काम कर सकते है, जैसे- आप किसी सबजेक्‍ट के एक्‍सपर्ट है, आपको जिस काम में आपकी विशेषज्ञता है, जो काम आपको बहुत अच्‍छे तरीके से आता है, आप उसके कंसल्‍टेंट बन सकते है. पार्टटाइम में आप बच्‍चों को होम टयूशन दे सकते है. affiliate marketing, digidigital marketing, blogging, drop shipment या you tuber भी बन सकते है. content writing कर सकते है, एलआईसी एजेंट या प्रापर्टी डीलिंग भी कर सकते है. अगर आपके पास कार है, तो ओला, उबर से जुड़कर टैक्‍सी ड्राइव कर सकते है.अगर आप अच्‍छा खाना बनाना जानते है, तो खुद की शॉप खोलकर या पार्ट टाइम किसी रेस्‍टोरेंट के लिए काम कर सकते है.इसके अलावा स्‍वीगी, जोमेटो के लिये फुड डिलीवरी भी कर सकते है. कहने का अर्थ है कि खाली बैठने के बजाय कुछ न कुछ कर अपने loan को kam करने का प्रयास करते रहना चाहिये.

– हर रोज के व्‍यर्थ के खर्चों को कम करके, या छोटी छोटी सेविंग करके, एक इमरजेंसी फंड क्रियेट कर सकते है, और उस फंड का उपयोग ईएमआई चुकाने में कर सकते है. साथ ही ऐसे लिक्विड फंड में सेविंग करना चाहिये, जिससे 10 से 12 प्रतिशत तक का इंटरेस्‍ट कमाया जा सकता है और जब जरूरत हो, तब उपयोग में लाया जा सकता हो.

 

– अपनी इनकम को प्‍लान करिये ओर अपने पिछले खर्चों के आधार पर आगे के खर्चो को कम करने की योजना बनाकर अपना बजट बनाना चाहिये. पहले अपनी इनकम लिखिये और फ‍िर उसके बाद अपने महिने के सभी खर्चों को लिखिये.जैसे- ईएमआईआई, रेंट, राशन,दूध,बिजली,पानी का बिल,स्‍कूल की फीस,टयूशन फीस, मोबाइल, टेलीफोन बिल, गाड़ी का पेट्रोल, टैक्‍सी का किराया, छोटे से छोटे खर्चों को भी लिख लीजिये और यह प्‍लान करिये इसमें से किस खर्चे को स्‍काइप किया जा सकता है, जो भी पैसा बचता है, तो उसका 20 से 25 प्रतिशत सेविंग में डालिये. बकाया 75 प्रतिशत कर्जे को खत्‍म करने में उपयोग करिये. यह आपकी ईएमआई को तुरंत कंट्राेल करेगा.

 

– कई लोगों को थोड़ा सा भी एक्‍सस्‍ट्रा पैसा मिलता है, तो वह फालतू की चीजों को खरीदने में और entertainment, enjoyment पर खर्च करने में खत्‍म कर देते है.जैसे बोनस, इंसेटिव, टैक्‍स, रिफंड, स‍ब्सिडी परिवार से कोई बेनीफ‍िट हो गया, कोई पैतृक सं‍पत्ति मिल गई हो, ऐसा कोई भी पैसा मिलता है, तो सीधा रूल बनाईये और 25 प्रतिशत सेविंग इस तरह से करिये कि जहां से आपको 12 से 20 प्रतिशत तक का रिटर्न आसानी से मिल सके और रिस्‍क फ्री हो. 

 

– अगर आप जल्‍दी कर्जा चुकाना चाहते हैं, और पैसा बचाना चाहते है, तो कोई भी खर्चा करने से पहले ये  प्रश्‍न अपने आप से करिये कि जो खर्चा हम कर रहे है, वो हमारे लिये जरूरी है, अगर है, तो इस काम को मैं कैसे कम खर्च में कर सकता हूं, क्‍या मैं इस खर्च को स्‍काईप या डिले कर सकता हूं.खर्चों पर कंट्रोल कर लेंगे तो जो भी आपका पेसा बचेगा, उसे लोन रिपे में यूज करेंगे और कर्जे से बाहर आ जायेंगे.

 

-जब आप कोई मशीन कार या कोई और महंगा आईटम खरीदते है, जिसकी जरूरत आपको कभी कभी या साल में दो तीन बार पड़ती है, तो क्‍या आप मशीन या कार अपने किसी फ्रेंड से उधार या किराये पर लेकर चला सकते है, जिससे आप एक बड़े खर्च से बच जायेंगे. जैसे आपको कोई टूर/यात्रा करने जाना है तो कोई रोज रोज तो जाता नही है, लोग साल में मुश्किल से 2 या 3 बार जाते है, तो उसके लिये क्‍या आप 10 से 15 लाख की कार खरीदेंगे, ऐसा नहीं करना है, इसके लिये आप रेंट पर कार लेकर जा सकते है.

 

– कुछ लोग क्‍या करते है, कोई सामान खरीदने गये तो सामान मुहमांगे दामों में खरीदकर निकल आते है. जबकि उन्‍हें डिस्‍काउंट, ऑफर, स्‍कीम के बारे में पूछना चाहिये. कोई भी सामान खरीद रहे हैं, तो एक बार बिल जरूर चेक करना चाहिये. आप इस तरह छोटी छोटी सेविंग कर अपनी लोन रिपे कर सकते है.

 

-अगर आपके पेपर स्‍ट्रांग है कोलेट्रल या प्रापर्टी बैंक को दे रहे हैं, वह स्‍ट्रॉंग है, तो आप जल्‍दबाजी न करें. बैंक से कहे कम ब्‍याज दर पर लोन दे. बैंक के साथ आपका रिलेशन, रिकार्ड अच्‍छे हैं, तो बैंक भी आपकी बात सुनेगा और ब्‍याज में कुछ कमी कर सकता है. बैंक ऐसा नहीं करता है, तो किसी दूसरे बैंक में भी ट्राय कर सकते है.

 

-जब आप लोन लेते है, तो लगभग 3 किश्‍त एडवांस में बैंक अपने पास रिजर्व एकाउंट में जमा कर लेता है. जैसे अगर आप कभी टाइम पर ईएमआई नहीं चुका पाये तो एकाउंट को मेंटेंन बनाये रखने के लिए बैंक उनका उपयोग कर सकता है. जैसे आपने लोन लिया 10 लाख  रूपये का तो बैंक इसमें 60 हजार लोन एमाउंट से निकालकर उसे रिजर्व एकाउंट में जमा कर देता है, तो आपको लोन एमाउंअ मिलेगा वो होगा 9 लाख 40 हजार रूपये. तो आप बैंक से रिक्‍वेस्‍ट कर सकते है कि 60 हजार की जगह 20 हजार या 30 हजार रूपये रिजर्व एकाउंट में जमा करे. इस तरह आपको ज्‍यादा एमाउंट मिल सकता है, और आप उसे आसानी से चुका सकते है.

-अगर आप सैलरी पर्सन है, मंथली आपकी सैलरी टाइम पर आ जाती है या आपकी इनकम कुछ इस तरह होती है कि डेट से एक दिन पहले या टाइम पर ईएमआई चुका देते है, तो आप अपने बैंक जाकर मैनेजर से रिक्‍वेस्‍ट कर सकते है कि आपका इंटरेस्‍ट ईएमआई टाइम पर दे रहा हूं, आप कृपया कर मेरा इंटरेस्‍ट रेट कुछ प्रतिशत कर दीजिये. पहली बार शायद बैंक आपकी रिक्‍वेस्‍ट पर ध्‍यान नहीं दे, तब भी आप जब टाइम पर ईएमआई पै करते रहेंगे और फ‍िर से बैंक से कहेंगे तो आपके पैमेंट रिकार्ड को देखते हुए बैंक .50 प्रतिशत ब्‍याज भी कम कर देतो है, तो आप छोटी मोटी सेविंग कर सकते है. 

 

– बहुत से लोग लोन के इंटरेस्‍ट रेट का मार्केट में उपलब्‍ध अन्‍य बैकों से कंपेयर नहीं करते है, उनका जिस बैंक में account होता है, या उन्‍हें जिस बैंक से लोन का ऑफर मिला हो वह ले लेते है. वे रेट ऑफ इंटरेस्‍ट को कम कराने का विचार ही नहीं करते है, फ‍िर बिना सोचे महंगी दरों पर लोन ले लेते है, और ज्‍यादा इंटरेस्‍ट रेट चुकाते रहते है. कई बार महंगे इंटरेस्‍ट के जाल में फंस जाते है, और कर्जा चुका नहीं पाते है, जिससे उन्‍हें बहुत तकलीफ का सामना करना पड़ता है. अक्‍सर लोग ये भी देखते है, जो बैंक आसानी से कम डॉक्‍यमेंटस के आधार पर लोन ऑफर करती है, उस बैंक से लोन लेना पसंद करते है, चाहे इंटरेस्‍ट रेट ज्‍याद ही क्‍यूं न हो. सुविधाजनक आसान लगने वाला लोन महंगी दर पर भी तुरंत ले लेते है, और फ‍िर जीवन के कई वर्ष तक महंगे इंटरेस्‍ट की मार झेलते रहते है. उदाहारण से देखें तो अगर आपने 10 लाख का लोन 10 प्रतिशत इंटरेस्‍ट रेट पर 10 वर्ष के लिये लेते है, तो आपकी मासिक ईएमआई जो आएगी वह आयेगी लगभग 16666.66. लेकिन जब आप लोन ले रहे हैं, तभी आप बैंक से थोड़ा bargain कर लेते है, तो और आपको 10 के बजाय 9 प्रतिशत इंटरेस्‍ट रेट पर लोन मिल जाता है, तब आपकी ईएमआई होगी 15833.33. मतलब एक महिने में करीब 833 रूपये की बचत होगी. एक साल के दौरान ये बचत करीब 9999 हो हो सकती है. वहीं दस साल में करीब करीब आपको 1 लाख रूपये की बचत हो सकती है. इसलिये जल्‍दबाजी में लोन लेने के बजाय सोच समझकर और बार्गेनिंग करके कोई भी लोन लेने का प्रयास करे…

 

-अगर आपकी आर्थिक स्थिति कमजोर है, जिससे आम ईएमआई टाइम पर  नहीं दे पा रहे हैं, आपके पास इस समय पैसा नहीं है, तो बैंक से बात कर उनसे कह सकते है कि लोन अवधि थोड़ी बढ़ा दें. इससे ईएमआई का एमांट कम हो जायेगा और इंटरेस्‍ट एमाउंट और टाइम पीरियड भी बढ़ जायेगा. जिसे आप धीरे धीरे आसानी से चुका सकते है.

 

-क्रेडिट कार्ड और फ्री इंटरेस्‍ट लोन, अनसिक्‍योर्ड लोन लेने में जल्‍दबाजी नहीं करे. हो सके तो अपने किसी घर परिवार, रिलेटिव या फ्रेंड से उधार लेकर काम चला लें. लोग इंटरेस्‍ट फ्री यूज के लालच में आकर तुरंत लोन ले लेते है, लेकिन एक दिन भी ईएमआई लेने होने पर व्‍यक्ति को ईएमआई का लगभग 30 प्रतिशत या कभी कभी उससे ज्‍यादा पेनल्‍टी, इंटरेस्‍ट रेट और अदर चार्जेस के रूप में चुकाने पड़ते है.

 

-अगर आपकी आर्थिक स्थिति कमजोर है, जिससे आप ईएमआई टाइम पर अभी दे पाने में दिक्‍कत महसूस कर रहे है, या आपका पैसा कहीं बिजनेस में फंसा हुआ है, अभी आपके पास पर्याप्‍त पैसा नहीं है, तो आप बैंक से रिक्‍वेस्‍ट कर सकते है कि जो आपकी ईएमआइ्र है, उसकी जगह अभी आप सिर्फ प्रति माह इंटरेस्‍ट पे कर सकते है, लोन का टाइम पीरियड पूरा होने पर लोन की पूरी राशि एक साथ पे कर देंगे.

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